भक्त - शिरोमणि श्याम बहादुर जी
आखियाँ खोल रे भाया , आखियाँ खोल रे माया
तुझसे
से मिलने चल कर देखो खाटू
वाला आया ।।
बड़ी
दूर से चलकर आयो
, नहीं किनी विश्राम
लाख्या
भगत ने छोड़ के
आयो , तज दियो सारी
काम
बातया
भर ले रे भाया
तुझसे
मिलने चलकर देखो खाद
वाला
तेरे
संकट काटण खातिर , मोर
छड़ी ले आयो
खोल
किवाड़ अब तो भगत
जी , क्यो तू है
भरमायो
निद्रा
त्याग दे भाया
तुझसे
मिलने चलकर देखो खाद
वाला
यू आवाज
लगावे श्याम जी , रेवाड़ी के
माही
श्याम
बहादुर रोवण लागे , खड़े
हुए पल माही
गले से लग
जा रे भाया
तुझसे
मिलने चलकर देखो खाद
वाला
श्याम
बहादुर बोले , बाबा क्यु तकलीफ
उठाई
बाबा
बोले सुणो भगत जी
, धारी याद थी आई
झाड़ा
लगवा ले भाया
तुझसे
मिलने चलकर देखो खाद
वाला
झाड़ा
लाया भबूत लगाई , लोप
हो गया बाबा
श्याम
बहादुर केवण लागे , बड़े दयालु
बाबा
लाख्या
तज दिए रे भाया
तुझसे मिलने चलकर देखो खाद वाला
आखियाँ खोल रे भाया , आखियाँ खोल रे माया
तुझसे से मिलने चल कर देखो खाटू वाला आया ।।
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